अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच आज जिस पॉलिटिकल क्राइसिस का सामना राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस पार्टी (Congress) कर रही है उसकी एक बड़ी वजह खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं जिनके कान कुछ इस हद तक भरे गए थे कि, उन्होंने सचिन पायलट की सुध लेना कभी गवारा ही नहीं समझा. राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पिछले 14 दिनों में 4 बार राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा (Kalraj Mishra) से मिले हैं. लोगों का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Deputy CM Sachin Pilot) से दो बार भी मिल लेते तो यह नौबत नहीं आती. हर सफल आदमी के पास उसकी एक खास नैसर्गिक ताकत होती है, अगर वह जीवन में कभी असफल होता है तो अपनी उसी ताकत के चूक जाने की वजह से होता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बने थे तब राजस्थान में बड़े नेताओं की बड़ी फौज थी. हरिदेव जोशी, शिवचरण माथुर ,रामनिवास मिर्धा, बलराम जाखड़, राजेश पायलट, नवल किशोर शर्मा, नटवर सिंह, हीरालाल देवपुरा जैसे नेताओं की क...
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