नई दिल्ली। आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लारसन एंड टूब्रो (एलएंडटी) ने 14,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। एलएंडटी की इस बड़ी छटनी का यह आंकड़ा उसके कुल कर्मचारियों की संख्या का 11.2 फीसदी हिस्सा है। कंपनी के मुताबिक उसने यह फैसला बिजनेस में आई मंदी के चलते लिया है।
एलएंडटी समूह ने बीते मंगलवार को बताया कि यह उसने यह फैसला बिजनेस में आई मंदी के चलते किया है ताकि वो अपने वर्कफोर्स को सही लेवल पर ला सके। कंपनी का यह भी कहना है कि ग्रुप में डिजिटाइजेशन के कारण बड़ी संख्या में कर्मचारियों के लिए कोई काम नहीं बचा था, जिसकी वजह से भी यह छंटनी करनी पड़ी।
एलएंडटी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) आर शंकर रमन ने कहा, कंपनी ने अपने कई बिजनेस में स्टाफ की संख्या सही स्तर पर लाने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। हमने डिजिटाइजेशन और प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने के मकसद से जो उपाय किए थे, उसके चलते कई नौकरियों की जरूरत नहीं रह गई। इसके चलते सितंबर को खत्म छमाही में ग्रुप ने 14000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है।
वहीं एलएंडटी मैनेजमेंट का अनुमान है कि आने वाले कुछ महीनों में आर्थिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं। हालांकि सरकारी ऑर्डर्स में तेजी आने से प्राइवेट सेक्टर की सुस्ती की भरपाई हो जाएगी। रमन ने यह भी कहा कि छंटनी एक तरह का भूल सुधार अभियान है और इसको आगे भी होने वाली घटना के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
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