आपके पास बैंक खाता नहीं है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है, जल्द ही सरकार के निर्देश पर सभी बैंक प्री-रिचार्ज डेबिट कार्ड सेवा शुरू करेंगे। इस कार्ड में एक तय राशि तक ही पैसा जमा होगा जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक मनी के तौर पर किया जा सकेगा।
वित्त मंत्रालय 500 और हजार के पुराने नोट बंद किए जाने के बाद से लगातार प्लास्टिक मनी को बढ़ावा देने के कदम उठा रहा है। इसी दिशा में बैंकों को निर्देश दिया गया है कि जिन लोगों के पास खाता नहीं है और उनके पास आधार या कोई अन्य नागरिकता पहचान पत्र है तो उन्हें प्री-रिचार्ज डेबिट कार्ड मुहैया कराया जाए। अगर किसी व्यक्ति के परिवारिक सदस्य का बैंक खाता है तो उससे यह कार्ड लिंक कर दिया जाए और एक निर्धारित राशि तय कर दी जाए।
मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक मान लीजिए की घर के किसी एक सदस्य का खाता बैंक में है तो उसकी पत्नी, बच्चों के लिए इस कार्ड की सुविधा महज एक आवेदन पर मुहैया करायी जाएगी। अगर खाता नहीं होगा तो पहचान पत्र समेत अन्य प्रक्रिया को पूरा करना होगा, जैसा कि क्त्रेडिट कार्ड मुहैया कराते समय बैंक प्रक्रिया निभाते हैं।
अधिकतम पांच मिलेंगे...प्री-रिचार्ज डेबिट कार्ड की सेवा शुरू होने से बैंकों को सीधे तौर पर इससे फायदा होगा, क्योंकि इस कार्ड में जमा धन पर उन्हें किसी तरह का ब्याज ग्राहक को नहीं देना होगा जबकि कार्ड में जमा रकम को बैंक खाते में जमा रकम की तर्ज पर ही प्रयोग में लाएंगे। अभी तक बैंकों की ओर से किसी खाते में एक डेबिट कार्ड या संयुक्त खाते में दो या सदस्यों की संख्या के अनुरूप कार्ड मुहैया कराए जाते थे, लेकिन अब एक खाते में कई प्री-रिचार्ज कार्ड मुहैया कराए जा सकेंगे। मंत्रालय के अधिकारी की माने तो इस सेवा में एक परिवार के किसी सदस्य के पास बैंक खाता होने पर कई कार्ड मिल सकेंगे जिसकी अधिकतम संख्या पांच रखी गई है। साथ ही नाबालिगों को भी कार्ड मुहैया कराने की छूट मिलेगी। खाताधारक की ओर से कार्ड के रिचार्ज की अधिकतम या न्यूनतम सीमा तय की जाएगी।
उचित मूल्य की दुकान-वित्त मंत्रालय ने खाद्य वस्तुओं की उचित मूल्य की दुकानों पर माइक्रो एटीएम और पीओएस टर्मिनल बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में विभिन्न बैंक मार्च 2017 तक साढ़े पांच लाख दुकानों में से ज्यादातर को इस सुविधा से लैस करने का कदम उठाएंगे। मौजूदा समय शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक माइक्रो एटीएम और पीओएस की भारी कमी है जिसकी वजह से नोटबंदी के बाद आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
सार्वजनिक बैंकों के नखरे-नोटबंदी के बाद सरकार की ओर से दी गई छूट के बावजूद सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों के नखरे जनता पर भारी पड़ रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की संसद स्थित शाखा ने उसी के बैंक के क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान पुराने नोटों से स्वीकार करने से इंकार कर दिया। साथ ही कहा गया कि पहले खाते में जाकर जमा करें और फिर नए नोट निकालकर भुगतान करें जबकि निजी बैंकों की ओर से लोगों को ऑफर भेजा जा रहा है कि ऋण, क्रेडिट कार्ड समेत अन्य में पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।
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